NHM कर्मचारियों की हड़ताल पर सख्त हुई सरकार, दिए ये आदेश
हरियाणा में एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। 1 अगस्त 2024 को, हरियाणा सरकार ने इस हड़ताल के प्रति सख्त रवैया अपनाया है। एनएचएम कर्मचारी, जिनमें स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी शामिल हैं, अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हैं। इस हड़ताल के कारण प्रदेश की स्वास्थ्य प्रणाली पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
Main Points
सरकार का सख्त कदम
हरियाणा सरकार के वित्त विभाग ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें एनएचएम कर्मचारियों के सेवा नियमों को तुरंत प्रभाव से फ्रीज करने का निर्देश दिया गया है। यह आदेश उन कर्मचारियों के लिए है जो सात दिनों तक ड्यूटी पर अनुपस्थित रहते हैं। डायरेक्टर मिशन, डॉ. कुलदीप सिंह ने स्पष्ट किया है कि ऐसे कर्मचारियों को बर्खास्त किया जा सकता है।
कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
इस आदेश के बाद, एनएचएम सांझा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री जितेंदर वत्स ने कहा है कि वे अपनी मांगों के पूरा होने तक हड़ताल खत्म नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि कोई भी कर्मचारी ड्यूटी पर वापस नहीं जाएगा।31 जुलाई को, एनएचएम कर्मचारियों ने राज्यभर में जिला मुख्यालयों पर होने वाले रोष प्रदर्शन को रद्द कर दिया। इसके बजाय, उन्होंने सिविल सर्जन कार्यालय परिसर में वित्त विभाग की ओर से जारी एडवाइजरी की प्रतियों को जलाया और जमकर नारेबाजी की।
मांगों का पिटारा
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल की मुख्य वजह उनकी 11 मांगें हैं, जिनमें बेहतर वेतन, स्थायी नौकरी और काम के बेहतर हालात शामिल हैं। कर्मचारियों का कहना है कि यदि सरकार उनकी मांगों को नजरअंदाज करती है, तो वे अपनी लड़ाई को और तेज करेंगे।
स्वास्थ्य प्रणाली पर प्रभाव
इस हड़ताल के चलते अस्पतालों में काम ठप हो गया है। मरीजों को इलाज में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। कई अस्पतालों में आवश्यक सेवाएं भी बाधित हो गई हैं।
भविष्य की संभावनाएँ
हरियाणा सरकार के सख्त रवैये के बावजूद, एनएचएम कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। जितेंदर वत्स ने कहा कि यदि सरकार ने सेवा नियमों को फ्रीज करने की एडवाइजरी वापस नहीं ली, तो वे अपनी लड़ाई को और तेज करेंगे।